राज्य सरकारों की नौकरियों पर भी लागू होगा 10 फीसदी कोटा, सभी दल कर रहे बिल का समर्थन

सामान्य वर्ग के लोगों को शिक्षा एवं रोजगार में दस प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी संविधान संशोधन विधेयक पर राज्यसभा में बुधवार को हुयी चर्चा में विभिन्न दलों के सदस्यों ने इसका समर्थन किया।

चर्चा के दौरान कैबिनेट मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 फीसदी आरक्षण केंद्र सरकार के अलावा राज्य सरकार की नौकरियों में भी मिलेगा। सदन में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने संविधान (124वां) संशोधन विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए सवाल किया कि ऐसी क्या बात हुयी कि यह विधेयक अभी लाना पड़ा? उन्होंने कहा कि पिछले दिनों तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में हार के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है।कांग्रेस सदस्य कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर 8 लाख रुपए कमाने वाला गरीब है तो सरकार को 8 लाख तक की कमाई पर इनकम टैक्स भी माफ कर देना चाहिए। इस पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राज्य चाहें तो 8 लाख रुपए की सीमा को घटा-बढ़ा सकते हैं। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के फैसले का स्वागत करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इस तरह का बड़ा कदम 56 इंच के सीने वाला इंसान ही उठा सकता था। आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग को आरक्षण देने संबंधी संविधान 124वें संशोधन विधेयक पर राज्यसभा में बुधवार को चर्चा के दौरान अन्नाद्रमुक सदस्यों ने इस विधेयक को ”असंवैधानिक बताते हुये सदन से बहिर्गमन किया। कांग्रेस सांसद पी एल पुनिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अनारक्षित वर्ग के गरीबों को आरक्षण देने के समर्थन में है। पुनिया ने कहा कि सवर्ण आरक्षण के ऊपर सरकार की टेढ़ी नजर है। बार-बार इनके बड़े नेता आरक्षण की समीक्षा की बात करते हैं। मायावती के खास व बीएसपी सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि हमारी पार्टी प्रमुख बहन मायावती ने सदन में सवर्ण आरक्षण को समर्थन दे चुकी हैं। मैं भी इस बिल का समर्थन करता हूं। बिल का समर्थन करते हुए मिश्रा ने कहा कि अगर आर्थिक आरक्षण के लिए संशोधन लाया जा रहा है तो जातिगत आरक्षण के लिए भी 50 फीसदी से ऊपर आरक्षण आना चाहिए।

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